
Pandupol हनुमान मंदिर सरिस्का जंगल की पूरी यात्रा पढ़े
Table of Contents
👇 Subscribe Us for travel and food videos 👇
Pandupol
Pandupol एक प्राचीन हनुमान मंदिर है जो सरिस्का नेशनल पार्क के अंदर स्थित है।पाण्डु पोल एक दर्शनिया पर्यंटन स्थान है किंवदंती है कि पांडवों ने अपना निर्वासन समय अज्ञातवस् (गुप्त समय )- यहाँ पर बिताया था । महाभारत के पांडवो से जुडी हुई पौराणिक कथा होने के कारन ये एक ये एक धार्मिक स्थान है यहाँ पर लेटे हुए श्री हनुमान जी है
Pandupol नेशनल पार्क में होने की वजह से इस धार्मिक स्थान पाण्डुपोल की यात्रा आपको चरो तारफ खूबसूरत जंगल ददखने ो मिलते है. इस वन्य अभ्यारण जयादातर हिरन, बारह सिंघा, नील गाय, जंगली सूअर, सांभर और मोर काफी मात्रा में दिखाई देते है. ये एक बहुत शानदार मुख्य आकर्षण है .

Pandupol की यात्रा
मैंने अपनी यात्रा नारायणपुर गाँव से सुरु की थी थाना गाजी क्रॉस करने के बाद जैसे ही मैंने सारिका पार्क पहुंचा वहां रस्ते पर मुझे दो सांबर मिले। मैंने उनको देखते ही कार रोक ली वो काफी करीब तक मेरे कार विंडो के आस आ गए और जैसे कह आहे हो की हमे कुछ खाने को दे दो। थोड़ी देर बाद वो वापस चले गए। ये मेरा लाइफ का पहला अनुभव जंगली जानवरो के साथ। इसके बाद में सरिस्का नेशनल पार्क के मैन गेट पर पहुंच गया। यहाँ एंट्री करने इ पहले मैंने कार की एक एंट्री टिकट ली जो २७५ रुपए की थी उन्होंने मुझे नेशनल पार्क का एक पास दिया जिसके ऊपर सभी नियम ओर निर्देश लिखे हुए थे इन नियम को तोड़ने पर जुरमाना भी लागू तह।

ये किसी नेशनल पार्क में मेरी पहली यात्रा थी मैं बहुत ही रोमांचित था कि मुझे १५ kilometer पांडुपोल तक पहुँचने के लिए जंगल मे कार चलानी थी जीसकी स्पीड लिमिट 20 किलोमीटर पर घंटा थी में जंगलो नज़ारे लेते हुए कार चला रहा था इसमें मुझे काफी से जङ्गली जानवर देखने को मिले लेकिन कोई बडा जानवर नहीं मिला। काफी सारी फोटो मैंने अपने कैमरे मे कैद का ली।
मुझे यहाँ पर हिरणो के और सांभर के झुण्ड काफी मात्रा में देखने को मिले यहाँ पर लंगूरो और मोर के झुण्ड तो रस्ते से हट ही नहीं रहे थे। एक लंगूर तो मेरी कार की आउटसाइड व्यू मिरर पर आकर बैठ गया । काफी सारी फोटो और वीडियो लेने का बाद में लगभग 10 बजे पांडुपोल में पहुँच गया। वहां पहुँचने के बाद सबसे पहले मैंने भगवान् का प्रसाद लिया और भगवान बजरंग बलि के दर्शन किये।
पांडुपोल मे क्या खाये

यहाँ पर दो तीन दुकाने है जो पांडुपोल में आने वालो यात्रियों को काफी सहायता करती है यहाँ पर चाय के साथ साथ आप कचोरी कड़ी और ब्रेड पकोड़ा ले सकते है ये तीनो मैं नास्ते में लिए जो मुझे बहुत ही पसंद आये। ये नास्ता इतना टेस्टी था की मेर दिल खुश हो गया।
पांडुपोल से 30 किलोमीटर की दूरी पर भानगढ़ फोर्ट जिसको इंडिया का सबसे भूतिया किला कहा जाता है इसको भी आप पढ़ सकते है पोस्ट के निचे आप कमेंट कर सकते है की ये पोस्ट आपको कैसी लगी
Follow Us
Check on Facebook
Follow us on Instagram

