Bhangarh ka kila

Bhangarh ka kila भूतो की नगरी भानगढ़ किले का रहस्य इतिहास जरूर पढ़े

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Bhangarh ka kila

Bhangarh ka kila भारत का सबसे प्रेतवाधित स्थान है। ऐसा मानना ​​है कि यह पुराने समय से यहाँ पर हजारों भूतों का निवास है जब यह किला अचानक क्षतिग्रस्त हो गया था। इसको भूतया किला भी कहा जाता है शाम 5 बजे के बाद इस स्थान पर जाने की अनुमति नहीं है।

Bhangarh ka kila भूतो की नगरी भानगढ़ किले का रहस्य इतिहास जरूर पढ़े एक बहुत बड़ा किला है और लगभग खंडहर हालत में है। भानगढ़ का किला ढलान वाली पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है। प्रवेश के बाद, किले की मुख्या सड़क पर दोनों तरफ बाजार की एक पुरानी संरचना है, जिसमें केवल दीवार है और आगे का हिस्सा है इन दुकानों पर कोई छत नहीं है

 Bhangarh fort 
भानगढ़ का किला

पुराने समय में यह बाजार था और रानी रत्नावती नियमित रूप से खरीदारी के लिए इस बाजार में आती थी ।

बाजार क्षेत्र के बाद  किले की दूसरी दीवार है। जब आप प्रवेश करते हैं तो दाहिने हिस्से में एक अच्छा मंदिर और बाईं ओर एक और मंदिर और यहाँ से किले के दूसरे हिस्से में रास्ता जाता है। अंत में, रानी रत्नावती महल है जो की तीसरी सुरक्षा दिवार के बाद है  भानगढ़ किले का महल लगभग तीन मंजिला  है। महल के ऊपर का हिस्सा पूरी तरह से टूट चूका है । महल के ऊपर कोई छत नहीं है । पूरा किला दृश्य महल के ऊपर से देखा जा सकता है। महल का पिछला हिस्सा एक ऊंची पहाड़ी से ढका हुआ है। बरसात के मौसम में पहाड़ों से पानी बहता हुआ किले के जलाशय में जमा होता है

Bhangarh fort
भानगढ़ का किला

Bhangarh ka kila का इतिहास

Bhangarh ka kila भूतो की नगरी भानगढ़ किले का रहस्य इतिहास जरूर पढ़े बनबाया था राजा भगवंतदास ने अपने पुत्र माधोसिंह के लिए  माधो सिंह यहाँ पर आकर रहने वाला था १६वी शतब्दी में इस फोर्ट को बनाया गया था

भानगढ़ की रानी का नाम रत्नावती था जो बहुत ही खूबसूरत रानी थी वो यहाँ बाजार में इत्र खरीदने  के लिया आया करती थी एक दिन सिंघई नाम के एक तांत्रिक ने रानी रत्नावती को देखा और वो उस पर मोहित हो गय।  वो तांत्रिक अब रानी को पाने की कामना करने लगा । रानी रत्नावती  जो अपना इत्र इस्तेमाल करती थी उस इत्र पर तांत्रिक ने काला जादू कर रानी रत्नावती को वश में करने की लिए किसी तरह से उसके पास भेज दिय। 

Bhangarh ka kila

रानी रत्नवत को भी तंत्र का ज्ञान था और जैसे ही रानी को काला जादू का पता चल।  उसने वो इत्र की शीशी महल से बहार फेंक दी। और वो चट्टान पर जा गिरी  जिससे वो इत्र की शीशी टूट गयी और काला जादू होने की वजह से उस पथ्थर से ही वो तांत्रिक मारा गया मरने से पहले तांत्रिक ने भानगढ़ को श्राप दया  की कोई भी इस सहर में  नहीं बचेगा और सब मरे जायेंग।  सडनली एक दिन पूरा भानगढ़ ख़तम हो गया और कोई भी नहीं बचा तब से माना  जाता है की उनकी आत्माये यहाँ पर रहती ह।  इसलिए ये भानगढ़ का किला श्रापित फोर्ट है

अनुभव

मैं इस भानगढ़ का किला का दौरा करने की योजना बना रहा था और मेरे सपने सच हो रहे थे । मैंने नारायणपुर से अपनी यात्रा शुरू की है, जो एक छोटा क़स्बा है। नारायण पुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर भानगढ़। भानगढ़ किले के रास्ते में, अजबगढ़ गाँव है। अजबगढ़ मई भी एक परित्यक्त किला अजबगढ़- भानगढ़ रोड से सटे एक छोटे से पहाड़ी पर स्थित है।

Bhangarh ka kila

भानगढ़ का किला बहुत ही खूबसूरत किला है इसमें जाने का अपना एक अलग ही अनुभव है क्योंकि आप भारत की सबसे भूतिया और रहस्यमई  जगह पर जा रहें है  लेकिन वहां जाकर ऐसा डरावनापन नहीं लगता है क्योंकि काफी सारे लोग वहां पर होते है शाम  को पांच बजे के बाद इस किले में प्रवेश की अनुमति नहीं है  फोर्ट लवर को इस किले को जरूर देखना चाहिए

इस जगह की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है

भानगढ़ का किला अलवर जिला राजस्थान में है ग्रीष्म में बहुत जयादा गर्मी होने की वजह से रैनी सीजन के बाद और शीतकाल मे है

इस किले को विजिट करने के लिए अक्टूबर से फ़ेरबरी सबसे अच्छा समय है

सड़क मार्ग और दूरी

भानगढ़ का किला जयपुर से ९० किलोमीटर दूर है और अलवर से भी ९० किलोमीटर है  दो घंटे की ड्राइव से आप यहाँ जा सकते है

Chittorgarh fort History- top attraction, Timing & how to reach

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