Rani no Hajiro

Rani no Hajiro Ahmedabad रानी नो हजीरो गुजरात सल्तनत मुज्जफ़रीद राजवंश की रानियों की कब्रे यहाँ पर है

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रानी नो हजीरो Rani no Hajiro Ahmedabad

Rani no Hajiro Ahmedabad – मानेक चौक में एक तरफ बादशाह नो हजीरा ( Badshah No Hazira) है और इसके दूसरी तरफ  रानी नो  हजीरो  है , जिसे मुगलई बीबी का मकबरा या अहमद शाह की रानी के मकबरे के रूप में भी जाना जाता है

रानी नो हजीरो का इतिहास

रानी नो  हजीरो  एक बड़े तल पर बनाया गया है इसमें जाने के लिए  इसके चारो तरफ एक छोटा गलियार है जब इसमें  प्रवेश करते है तो ये एक वर्गाकार खुला हुआ प्रागण है इसकी चौड़ाई लगभग ३६ मीटर है जिसके चारो तरफ एक बड़ा गलियरे है गलियारे की दीवारों पर नक्काशीदार पत्थर की जाली लगी हुई है इस रानी नो हाजिरों को 1445 में बनाया गया था लेकिन इसको १४५४ में मेहमूद बेगड़ा ने पूरा किया था

Rani no Hajiro

इसके आंगन में अहमद शाह I और अन्य गुजरात सल्तनत शासकों की आठ संगमरमर की कब्रें हैं इसमें मुख्या  मकबरा मुग़लई बीबी, मुहम्मद शाह द्वितीय की पत्नी और महमूद बेगड़ा की माँ का है यह सफेद संगमरमर से समृद्ध है, कुछ मुस्लिम परिवार परिसर के अंदर रहते हैं जो कब्रों की देखभाल करते हैं।

Rani no Hajiro

इस  परिसर के आसपास का क्षेत्र अब महिलाओं के कपड़े, आभूषण और सामान के लिए एक बाजार है। यहाँ  पर परम्परैक  गरबा कपड़े भी  बेचे जाते हैं। कई प्रकार के मुखवास स्टॉल यहाँ पर है

रानी नो हजीरो देखने का समय Rani no hajiro Timing

रानी नो  हजीरो  देखने का समय सुबह 6.00 am to 9.00 pm है

रानी नो हजीरो प्रवेश शुल्क

ये एक धार्मिक स्थान है तो कोई प्रवेश शुल्क

रानी नो हजीरो के मकबरे का पता

रानी नो हजीरो का पता – बाद्शाह नो हाजीरो इस गाँधी रोड, मानेक चौक, दानपीड़त, खड़िए, अहमदाबाद, गुजरात, 380001, इंडिया

Rani no Hajiro Vlog

रानी नो  हजीरो  Rani no hajiro Photo Gallery

रानी नो  हजीरो  Navigation – Get Direction

कुछ पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked question

रानी नो हाजीरो का निर्माण किसने करवाया था?

अहमद शाह ने रानी नो हजीरो या मकबरे की शुरुआत की लेकिन अंतिम संरचना 1451 में मुहम्मद शाह द्वारा पूरी की गई। मुहम्मद शाह को महमूद बेगड़ा के नाम से जाना जाता है।अहमद शाह ने रानी नो हाजिरों या मकबरे की शुरुआत की लेकिन अंतिम संरचना 1451 में मुहम्मद शाह द्वारा पूरी की गई। मुहम्मद शाह को महमूद बेगड़ा के नाम से जाना जाता है।

रानी नो हाजीरो का क्या अर्थ है?

यह मूल रूप से शाही परिवार की महिला सदस्यों का दफन स्थान है। रानी नो शब्द का अर्थ रानी और हाजीरो का अर्थ मकबरा है।

रानी नो हाजीरो का निर्माण कब हुआ था?

अहमद शाह ने रानी नो हाजिरों या मकबरे की शुरुआत की लेकिन अंतिम संरचना 1451 में मुहम्मद शाह द्वारा पूरी की गई। मुहम्मद शाह को महमूद बेगड़ा के नाम से जाना जाता है।

रानी नो  हजीरो के पास फेमस टूरिस्ट स्थान

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