Chand Bawdi दुनिया की सबसे बड़ी और रहश्यमयी बावड़ी का इतिहास
Chand Bawdi Chand Bawdi – चाँद बाबड़ी राजस्थान के दौसा जिले के आभानेरी गाँव में है आभानेरी दौसा शहर से ३५ किलोमीटर के दूरी पर है चाँद बावड़ी भारत की सबसे बड़ी बावड़ी है। ये बावड़ी बड़ी होने के साथ साथ अपनी सुंदरता के लिए भी फेमस है ये बावड़ी राजश्थान का छुपा हुआ खजाना है जब पहली इस बावड़ी को मैंने देखा तो में अचंभित हो गया चाँद बावड़ी 30 मीटर गहरी है या यूँ कहिये की ये १३ मंजिला गहराई वाली बावड़ी है इसमें नीचे उतरने के लिए ३५०० सीढिया बानी हुई है इसमें तीन तरफ से दोहरी सीढिया बानी हुई है इसके एक तरफ स्तंभों पर आधारित…
Sambhar Salt Lake प्रे -वेडिंग शूटिंग लोकेशन सबसे सुन्दर एक अलग स्थान
Sambhar Salt Lake Sambhar Salt Lake सांभर झील भारत की सबसे बड़ी झील है और ये ऐतिहासिक सांभर झील साल्ट सिटी को घेरती है। झील की लंबाई लगभग है। 35 किमी और चौड़ाई अधिकतम 11 किमी। मानसून में सांभर लेक की गहराई 2 फीट से 10 फीट तक होती है। झील लगभग 90 किमी की परिधि में है और यह अरावली पहाड़ियों से घिरी हुई है। यह भारत में सबसे बड़ा खारा पानी की झील है में अभी जहा खड़ा हुआ हूँ यहाँ पर पानी नहीं है इस झील में खरा पानी पांच मुख्य नदियों से इस झील में आता है। नमक के वाष्पीकरण वाले क्षेत्र में छोटा बलुआ पत्थर…
Shakambari mandir-सांभर झील के पास माँ शाकंभरी का मंदिर मां शाकंभरी की कहानी
Shakambari Shakambari devi – वैसे तो भारत में काफी सारे मंदिर हैं लेकिन आज मैं आपको बताने जा रहा हूं मां दुर्गा का एक रूप शाकंभरी देवी के बारे मे। यह मंदिर सांभर झील के किनारे पर है ये स्थान राजस्थान में जयपुर से 90 किलोमीटर दूर है शाकंभरी के मंदिर तक की यात्रा मैंने फेब्रुअरी 20 तारिक 2021 को सांभर लेक का दौरा किया। मैंने अपनी यात्रा जयपुर से सांभर झील और माँ शाकंभरी मंदिर तक शुरू की है। जयपुर अजमेर राजमार्ग से मोखमपुरा में फुलेरा के लिए पहला मोड है । ये सड़क अच्छी नहीं थी। इसके बाद 10-15 किमी बाद सांभर शहर तक इसका रास्ता अच्छा है।…
हर्षत माता मंदिर आभानेरी गाँव Harshat Mata Temple abhaneri
हर्षत माता मंदिर का इतिहास हर्षत माता मंदिर के मंदिर को चाँद बावड़ी के समय में ही बनाय था इस मंदिर की निर्माण आभानेरी के राजा ने किया था यह मंदिर वास्तुकला का यह अनूठा रूप है भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार ये मंदिर 7 वीं शताब्दी से बना गया था । ऐसा लगता है की ये बड़ा मंदिर था जिसे इस्लामिक सासको ने नष्ट कर दिया और लगभग १००० साल बाद मुख्या मंदिर ही यहाँ पर बचा है। इस मंदिर के उत्खनित पत्थरों को अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा चाँद बावड़ी के गलियारे में रखा गया है। चांद बाउरी पश्चिमी भारत में वास्तुकला गतिविधि के वर्तमान का एक महत्वपूर्ण…
Jal Mahal ka itihas Jaipur जल महल का मुख्या आकर्षण
Jal Mahal ka itihass Jal Mahal ka itihass जल महल गुलाबी शहर जयपुर में स्थित झील में बना हुआ एक महल है। ऐसा माना जाता है कि महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में इस खूबसूरत जल महल का निर्माण करवाया था। 18 वीं शताब्दी में अमर के महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा महल और इसके चारों ओर की झील का जीर्णोद्धार और विस्तार किया गया था। जल महल कब देखे ये महल जयपुर के सर्वश्रेष्ठ महलों में से एक है। यदि आप जयपुर जा रहे हों तो आपको इस महल को जरूर देखना चाहिए। हम शाम को वहाँ पहुँचे। महल का प्रवेश स्थायी रूप से बंद है। महल मुख्य…
Hawa Mahal हवा महल का पूरा इतिहास जाने प्रवेश शुल्क और देखने का समय
Hawa Mahal – Palace of winds Hawa Mahal एक आइकोनिक वास्तुकला है जो गुलाबी नगरी जयपुर शहर में बड़ी चौपड़ पर है ये प्रतिष्ठित महल अपने हनीकांब वास्तुशिल्प के लिए बहुत ही प्रसिद है इस वास्तुशिल्प की विशेषता ये है की ये ठंडी हवा को महल में गुजरने देता है जो गर्मियों में इस महल के तापमान को सुखद बनती है हवा महल का इतिहास Hawa Mahal का निर्माण कछवाहा राजपूत महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा वर्ष 1799 में किया गया था जो सवाई मान सिंह के पोते थे इस वास्तुकला की प्रेरणा महाराज प्रताप सिंह को झुंझुनू के खेतड़ी महल से मिली थी इसके वास्तुकार लालचंद उस्ताद थे जिसकी…
Amer ka kila इस किले का पूरा इतिहास जाने प्रवेश शुल्क और देखने का समय
Amer ka kila Amer ka kila – आमेर का किला जो जयपुर से १० किलोमीटर दूर आमेर मे है यह किला जयगढ़ किले की तरह अरावली पहाड़ी बना हुआ है ये किला भारत के सबसे सुन्दर किलो मे से एक है इसको आमेर पैलेस भी कहते है आमेर पैलेस UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल है आमेर किले का निर्माण 967 ईसवी में चंदा वंश के राजा एलन सिंह ने किया था 11वीं शताब्दी में कछवाहा राजपूतों ने इसके ऊपर अपना अधिकार कर लिया था 16 शताब्दी में राजा मान सिंह ने इस किले को दोबारा बनवाना शुरू किया जिसको जयसिंह प्रथम ने पूरा किया इस किले का विस्तार डेढ़…
Jaigarh Fort का इतिहास जयगढ़ फोर्ट प्रवेश शुल्क और देखने का समय
Jaigarh Fort Jaigarh Fort का निर्माण सवाई जयसिंह -2 ने करवाया था इस किले को बनाने में विभिन्न शासकों का योगदान रहा वास्तव में इस किले का निर्माण 11वीं शताब्दी से शुरू करके 18वीं सावधि के मध्य तक चलता रहा जयगढ़ किला जयपुर से 10 किलोमीटर दूर अरावली पहाड़ी पर चील के टीले पर बना हुआ है यहां से जयपुर शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है इस किले के अंदर लक्ष्मी विलास ललित मंदिर और आराम मंदिर बने हुए हैं यह एक बहुत ही बड़ा किला है जिसको आमेर महल और जयपुर की सुरक्षा के लिए बनाया गया था इस किले को विजयदुर्ग भी कहते हैं जयबाण तोप यह…
Kushalgarh कुशलगढ़ का किला करन अर्जुन फिल्म सीन लोकेशन
Kushalgarh का किला अलवर दोस्तों आज मैं आया हूं कुशलगढ़ का किला देखने के लिए। कुशलगढ़ अपनी कचोरी और कलाकंद के लिए बहुत ही फेमस है यहां की कचोरी को कढ़ी के साथ खाने का मजा ही कुछ और है इसके आलावा कलाकंद के लिए ये एरिया बहुत ही प्रसिद्द है Kushalgarh किले को देखने से पहले कुशलगढ़ चौक पर कन्हैया रेस्टोरेंट है मैंने यहां पर मैंने नाश्ता किया है जी मुझे बहुत पसंद आया अभी मैं अभी मैं जा रहा हूं कुशलगढ़ फोर्ट देखने के लिए जो यहां से 1 किलोमीटर की दूरी पर एक छोटी सी पहाड़ी पर है कुशलगढ़ का किला बहुत ही छोटा है जब मैंने…
Sisodiya Rani Bagh जयपुर का सबसे सुन्दर गार्डन Sisodia Rani Palace and Garden
Sisodiya Rani Bagh Sisodiya Rani Bagh महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय (1699 – 1743 ) की पत्नी चंद्रकुंवर ने बनबाया था जो उदयपुर की राजकुमारी थी इस विवाह की शर्तो के अनुसार उन्हें पटरानी प्रधान रानी का दर्जा प्राप्त था कहते है की इसी महल में महाराजकुमार माधो सिंह का जन्म हुआ था जो 1750 ईस्वी में जयपुर के राजा हुए थे सिसोदिया रानी का बाग और महल 1728 ईस्वी में बनाया गया था इस बॉग में प्रवेश करने बाद सबसे पहले एक बहुत ही खूबसूरत महल दिखाई देता है ये बॉग एक पहाड़ी की तलहटी में जो इसको और भी सुन्दर बनाता है इस बॉग ता पहुँचने के लिए…