Chudel Ka Mahal राजा कुल के अधूरे महल की कहानी शाम को सात बजे के बाद कोई भी यहाँ नहीं जाता
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Chudel ka mahal
आज में आपको दिखाने जा रहा हूँ चुड़ैल का महल जो राजस्थान के अलवर जिले में नारायणपुर गांव के पास है ये स्थान नारायणपुर से ६ से ७ किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी पर है इस महल को हॉन्टेड ( Haunted ) कहा जाता है शाम के सात बजे के बाद कोई भी यहाँ पर नहीं जाता है इस महल पर जाने के लिए कुलकाकुण्ड से एक पहाड़ी पर ट्रैकिंग करके यहाँ पर पहुंचा जा सकता है तो चलो मेरे साथ इस चुड़ैलों के महल को देखने के लिए।
Chudel ka mahal की कहानी
चुड़ैल का महल को राजा कुल ने बनबाना सुरु किया था इस महल को बनाने के लिए एक गवाला (गायों को चराने वाला )जो धमेना धाम के संत का सेवक था वह रोज मिटटी निचे से ऊपर महल तक लेके जाया करता था लेकिन राजा उसे उसके किये हुए काम का पर्याप्त धन नहीं देता था काफी दिनों तक काम करने के बाद एक दिन गवाला ने अपनी दुःख संत को बताय। तो संत ने उसे कहा की तुम चिंता मत करो इस बार तुम्हारी जगह में काम करूंग। संत ने राजा काम करना सुरु कर दिया संत ने राजा को पूछा की कितनी मिटटी महल के लिए ऊपर लेके जानी है राजा ने उसको एक बहुत ही बड़ी कढ़ाई भर कर ले जाने की लिए कहा
संत ने अपनी जादू की ताकत से उस कढ़ाई को राजा के महल पर पहुंचा दिया और उसे वहां पर पलट दियासंत की इस ताकत देख कर राजा समझ गाय की ये कोई महान आदमी है उसने तुरंत ही संत के पैर पकड़ लिए और माफ़ी मांगने लग। उस दिन के बाद उस महल का काम बंद हो गया धीरे धीरे वहां पर बुरी आत्माये और चुड़ैल वहां आकर रहने लगी इस महल में रहने वाली चुड़ैले किसी को भी इस महल में घुसने नहीं देती है यहाँ रात में जो भी जाता है वापस नहीं आता है
ये प्रचलित कहानी मुझे गाँव के आदरणीय रामावतार जी ने सुनाई थी मुझे भी मौका मिला उनके साथ इस पुराने चदेलों के महल को देखने का जो मेरे लिए बहुत ही अलग अनुभव था
Chudel ka mahal नारायणपुर से ६० किलोमीटर की दूरी पर भानगढ़ फोर्ट जिसको इंडिया का सबसे भूतिया किला कहा जाता है इसको भी आप पढ़ सकते है पोस्ट के निचे आप कमेंट कर सकते है की ये पोस्ट आपको कैसी लगी
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