Ahmedabad history in hindi अहमदाबाद जाने से पहले पूरा इतिहास जाने
Ahmedabad history in hindi अहमदाबाद हिस्ट्री इन हिंदी – 11 वीं ईस्वी से पहले अहमदाबाद को आशावल के रूप में जाना जाता था। यह एक वन क्षेत्र था और साबरमती नदी यहाँ से वह रही थी। यहाँ पर भील आदिवासी लोग रहा करते थे उस समय इन आदिवासियों का सरदार का नाम आशा पल्ली था इस क्षेत्र पर उसका शासन था अन्हिलवाड़ा के चालुक्य वंश के राजा कर्ण, अन्हिलवाड़ा जिसे आज पाटन के नाम से जाना जाता है, ने 1078 में भील राजा आशा पल्ली को हरा कर यहाँ पर अधिकार कर लिया और साबरमती नदी के किनारे प्राचीन शहर कर्णावती की स्थापना की थी। चालुक्य वंश ने 11 वीं…
Walled city of ahmedabad तीन दरवाजा का पूरा इतिहास
Walled city of ahmedabad तीन दरवाजा Walled city of ahmedabad – आज मैंने अपने दिन की शुरुआत तीन दरवाजे से की है ये तीन दरवाजा मुझे काफी आकर्षित करता था क्योंकि दिन के समय दरवाजा काफी व्यस्त रहता है तो में सुबह के ७ बजे यहाँ पर आ गया हूँ मैंने पहली बार इस तीन दरवाजे बहुत करीब से देखा इस दरवाजे से मैं बहुत बार निकला था लेकिन कभी भी मुझे इस दरवाजे की विरासत महसूस नहीं हुई थी आज का दिन मेरे लिए बहुत ही अच्छा रहा और मैंने इस दरवाजे के इतिहास को समझा तो चलिए मैं आपको इस प्रसिद्ध तीन दरवाजे के बारे में बताने जा…
Bai Harir Sultani Mosque बाई हरिर सुल्तानी मस्जिद की संरचना
Bai Harir Sultani Bai Harir Sultani – दादा हरि नी वाव के ठीक पीछे बाई हरिर सुल्तानी मस्जिद और मकबरा है। यह भी लगभग 1500 ईस्वी में बनाया गया था। इसे बाई हरिर का अंतिम विश्राम स्थल कहा जाता है। इसके भीतर 5 कब्रें हैं । बाई हरिर मस्जिद अहमदाबाद में एक अत्यंत प्रतिष्ठित मस्जिद है। ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण बाई हरिर सुल्तानी द्वारा किया गया था जो सुल्तान बेगडा के हरम की अधीक्षक थी । मस्जिद का केंद्रीय हिस्सा या प्रार्थना क्षेत्र शिलालेख है। प्रार्थना कक्ष के केंद्र में मूर्तिकला और दीवारों के ऊपरी भाग गुजराती वास्तुकला की विशेषताओं को दर्शाते हैं। देखने का समय प्रतिदिन…
Dada hari ni vav एक बहुत ही खूबसूरत दादा हरि नी वाव इन अहमदाबाद दादा हरी नी वाव का इतिहास
Dada hari ni vav Dada hari ni vav मैं सुबह 10 बजे दादा हरिर की वाव पर पहुँच गया था । यह स्टेपवेल अहमदाबाद कालूपुर रेलवे स्टेशन से 2.6 किमी दूर है। दादा हरीर इतना लोकप्रिय नहीं है जितना कि अदलज की वाव। जब मैं वहां पर गया था तो वहां कोई भी पर्यटक नहीं था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप इस स्टेपवेल के किसी भी स्तर पर बिना किसी बाधा के देख सकते हैं। कोई भी आपको नहीं रोकेगा और आप ज्यादातर आंतरिक भाग में जा सकते हैं। आप विभिन्न स्तरों पर कई और तस्वीरें ले सकते हैं। मैं इस जगह पर जाने की सलाह देता हूं।…
Jami Masjid गुजरात की सबसे सुन्दर मस्जिद का इतिहास इसके बारे में जरूर पढ़े
Jami Masjid Jami Masjid जब मैंने पहली बार जामी मस्जिद देखी, तो में इस मस्जिद को देख कर आश्चर्यचकित हो आया ये मस्जिद वास्तब में बहुत सुंदर है इसके साथ साथ ये unesco वैश्विक धरोहर भी है यह मस्जिद पश्चिमी भारत की सबसे बेहतरीन मस्जिदों में से एक है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है। Jami Masjid इतिहास यह जामी मस्जिद चंपानेर सुल्तान बेगड़ा द्वारा 1509 में बनाया गया था। इसमें हिंदू, जैन कारीगरी और वास्तुकला का मिश्रण है। जामी मस्जिद की सतह के आभूषणों में सूरज, हीरे, मिट्टी के बर्तनों और बेलों और कमल के प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल किया जाता है। जामी मस्जिद की संरचना…
Bhandarej ki Bawdi भांडारेज की बहुत ही सुन्दर बड़ी बावड़ी का इतिहास
Bhandarej ki Bawdi Bhandarej ki Bawdi – राजस्थान के दोसा शहर से 10 किलोमीटर दूर भांडारेज गांव में एक बहुत ही सुंदर बावड़ी है भांडारेज की बावड़ी को बड़ी बावड़ी भी कहते हैं Bhandarej ki Bawdi स्थापत्य कला इस बावड़ी में पानी के तल तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है जो मुख्या प्रवेश से होते हुए नीचे तक जाती हैं इस बावड़ी में प्रवेश करते ही इसके मुख्या दरबाजे के ऊपर छतरी दार मेहराब बना हुआ है और ऐसा ही मेहराब इसके अंत वाली भवन के ऊपर बना हुआ है इस बावड़ी के चार नारों पर छतरिया बनी हुई हैं और बीच में एक मेहरा वाली में छतरी…
Chand Bawdi दुनिया की सबसे बड़ी और रहश्यमयी बावड़ी का इतिहास
Chand Bawdi Chand Bawdi – चाँद बाबड़ी राजस्थान के दौसा जिले के आभानेरी गाँव में है आभानेरी दौसा शहर से ३५ किलोमीटर के दूरी पर है चाँद बावड़ी भारत की सबसे बड़ी बावड़ी है। ये बावड़ी बड़ी होने के साथ साथ अपनी सुंदरता के लिए भी फेमस है ये बावड़ी राजश्थान का छुपा हुआ खजाना है जब पहली इस बावड़ी को मैंने देखा तो में अचंभित हो गया चाँद बावड़ी 30 मीटर गहरी है या यूँ कहिये की ये १३ मंजिला गहराई वाली बावड़ी है इसमें नीचे उतरने के लिए ३५०० सीढिया बानी हुई है इसमें तीन तरफ से दोहरी सीढिया बानी हुई है इसके एक तरफ स्तंभों पर आधारित…
Sambhar Salt Lake प्रे -वेडिंग शूटिंग लोकेशन सबसे सुन्दर एक अलग स्थान
Sambhar Salt Lake Sambhar Salt Lake सांभर झील भारत की सबसे बड़ी झील है और ये ऐतिहासिक सांभर झील साल्ट सिटी को घेरती है। झील की लंबाई लगभग है। 35 किमी और चौड़ाई अधिकतम 11 किमी। मानसून में सांभर लेक की गहराई 2 फीट से 10 फीट तक होती है। झील लगभग 90 किमी की परिधि में है और यह अरावली पहाड़ियों से घिरी हुई है। यह भारत में सबसे बड़ा खारा पानी की झील है में अभी जहा खड़ा हुआ हूँ यहाँ पर पानी नहीं है इस झील में खरा पानी पांच मुख्य नदियों से इस झील में आता है। नमक के वाष्पीकरण वाले क्षेत्र में छोटा बलुआ पत्थर…
Shakambari mandir-सांभर झील के पास माँ शाकंभरी का मंदिर मां शाकंभरी की कहानी
Shakambari Shakambari devi – वैसे तो भारत में काफी सारे मंदिर हैं लेकिन आज मैं आपको बताने जा रहा हूं मां दुर्गा का एक रूप शाकंभरी देवी के बारे मे। यह मंदिर सांभर झील के किनारे पर है ये स्थान राजस्थान में जयपुर से 90 किलोमीटर दूर है शाकंभरी के मंदिर तक की यात्रा मैंने फेब्रुअरी 20 तारिक 2021 को सांभर लेक का दौरा किया। मैंने अपनी यात्रा जयपुर से सांभर झील और माँ शाकंभरी मंदिर तक शुरू की है। जयपुर अजमेर राजमार्ग से मोखमपुरा में फुलेरा के लिए पहला मोड है । ये सड़क अच्छी नहीं थी। इसके बाद 10-15 किमी बाद सांभर शहर तक इसका रास्ता अच्छा है।…
हर्षत माता मंदिर आभानेरी गाँव Harshat Mata Temple abhaneri
हर्षत माता मंदिर का इतिहास हर्षत माता मंदिर के मंदिर को चाँद बावड़ी के समय में ही बनाय था इस मंदिर की निर्माण आभानेरी के राजा ने किया था यह मंदिर वास्तुकला का यह अनूठा रूप है भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार ये मंदिर 7 वीं शताब्दी से बना गया था । ऐसा लगता है की ये बड़ा मंदिर था जिसे इस्लामिक सासको ने नष्ट कर दिया और लगभग १००० साल बाद मुख्या मंदिर ही यहाँ पर बचा है। इस मंदिर के उत्खनित पत्थरों को अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा चाँद बावड़ी के गलियारे में रखा गया है। चांद बाउरी पश्चिमी भारत में वास्तुकला गतिविधि के वर्तमान का एक महत्वपूर्ण…