Bhandarej ki Bawdi भांडारेज की बहुत ही सुन्दर बड़ी बावड़ी का इतिहास
Table of Contents
Bhandarej ki Bawdi
Bhandarej ki Bawdi – राजस्थान के दोसा शहर से 10 किलोमीटर दूर भांडारेज गांव में एक बहुत ही सुंदर बावड़ी है भांडारेज की बावड़ी को बड़ी बावड़ी भी कहते हैं
Bhandarej ki Bawdi स्थापत्य कला
इस बावड़ी में पानी के तल तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है जो मुख्या प्रवेश से होते हुए नीचे तक जाती हैं इस बावड़ी में प्रवेश करते ही इसके मुख्या दरबाजे के ऊपर छतरी दार मेहराब बना हुआ है और ऐसा ही मेहराब इसके अंत वाली भवन के ऊपर बना हुआ है इस बावड़ी के चार नारों पर छतरिया बनी हुई हैं और बीच में एक मेहरा वाली में छतरी बनी हुई है जो इस बावड़ी को बहुत ही सुंदर बनाती है यह बावड़ी शिल्प कला का बहुत ही सुंदर उदाहरण है इस बावड़ी में पहुंच कर अद्भुत रोमांच का अनुभव होता है
Bhandarej ki Bawdi भांडारेज बावड़ी का निर्माण कब हुआ ?
Bhandarej ki Bawdi भांडारेज बावड़ी का निर्माण 1732 मैं हुआ था यह बावड़ी तीन मंजिला है और आयताकार शेप में है हर मंजिल पर कमरे बने हुए हैं यह कमरे संभवत कपड़े बदलने के लिए और प्रार्थना करने के लिए बने हुए है पुराने जमाने में इन्हे इस्तेमाल किए जाता होआ इस बावड़ी ऐ एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए गलीरी बने गई है ये इस बावड़ी की ख़ूबसूरती को और बढ़ाते है
क्या भांडारेज की बावड़ी को जिन्नो ने बनाया है ?
यह इस बावड़ी के बारे में भी कहा जाता है कि इसका निर्माण भी एक रात में भूतों ने किया था किवदंती है कि एक बार एक बारात भांडारेज गांव में आई थी और वह इस बावड़ी में रुकी लेकिन जब वह बारात इस बावड़ी के अंदर बनी हुई सुरंग में गई तो वह वापस लौट कर नही इसीलिए इस बावड़ी की सुरंग को भूतिया भी कहा जाता है ये सुरंग बड़ी बावड़ी से आभानेरी गांव की चाँद बावड़ी तक जाती हैं
बावड़ी किसे कहते हैं या बावड़ी का क्या अर्थ है?
बावड़ी को अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है इसे स्टेपवेल, बओरी, बाओली, बावरी भी कहा जाता है इसको मराठी में बारव और गुजराती में वाव कहते हैं कन्नड़ में इसे कल्याणी कहते है
बावड़ी वास्तव में एक जल प्रबंधन की प्राचीन परंपरा है प्राचीन काल में यह पानी का बहुत बड़ा स्त्रोत्र हुआ करती थी बावड़ी को इस तरीके से बनाया जाता था कि ये जल संसाधन के साथ-साथ एक स्थापत्य कला की भी संरचना हुआ करती थी यह बावरिया एक समुदायिक संभावना का भी मुख्य स्थान हुआ करते थी सबसे पहले बावरी का उल्लेख गुजरात और राजस्थान में मिलता है
बड़ी बावड़ी को देखने का समय Badi Bawdi Timing
इस बावड़ी को आप कभी भी देखने जा सकते है Preferable timing are 6:00 am to 9:00 pm
बड़ी बावड़ी एंट्री फी Badi Bawdi entry fees
इस बावड़ी को देखने के लिए कोई टिकट नहीं है ये फ्री है
Badi Bawdi vlog
बड़ी बावड़ी Badi Bawdi Photo Gallery
भांडारेज की बावड़ी Nevigation
भांडारेज की बावड़ी के पास फेमस टूरिस्ट स्थान
Chittorgarh fort History- top attraction, Timing & how to reach
Jaipur city-Amazing colorful Pink City
Follow Us
Check on Facebook
Follow us on Instagram
बहुत ही सुंदर और लाजवाब बाबडी है. जैसा पढा वैसा ही पाया.
बहुत ही सुंदर और लाजवाब बाबडी है. अति सुन्दर जगह जी